अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नॉन-इमिग्रेंट वीजा के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। अब भारतीय आवेदकों को वीजा इंटरव्यू सिर्फ भारत में ही देना होगा। दूसरे देशों में जाकर अपॉइंटमेंट लेकर जल्दी वीजा पाने का शॉर्टकट अब बंद हो गया है।
क्या है नया नियम?
- अब US B1 (बिजनेस), B2 (पर्यटक), H-1B (वर्क), F1 (स्टूडेंट) जैसे वीजा के लिए इंटरव्यू सिर्फ भारत में स्थित दूतावास/कॉन्सुलेट में ही संभव होगा।
- दूसरे देश (जैसे सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम आदि) के दूतावास से अपॉइंटमेंट लेना अब मान्य नहीं है।
- जो अपॉइंटमेंट्स पहले ही बुक हो गए हैं, वे ‘ज्यादातर’ कैंसल नहीं होंगे।
- वीजा फीस का रिफंड या ट्रांसफर अब नहीं होगा अगर आप विदेश में अपॉइंटमेंट लेते हैं।
भारतीय आवेदकों पर असर
- अब दिल्ली में वीजा अपॉइंटमेंट के लिए औसतन 4.5 माह, चेन्नई 9 माह, हैदराबाद 3.5 माह, कोलकाता 5 माह और मुंबई 3.5 माह इंतजार करना पड़ सकता है।
- कोविड के समय लंबा इंतजार बचाने के लिए विदेश जाकर जल्दी वीजा लेने का विकल्प था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है।
- दूसरे देशों में इंटरव्यू की कोशिश करने पर वीजा मिलने में ज्यादा मुश्किल होगी और फीस भी वापस नहीं होगी।
- डिप्लोमैटिक, मानवीय या मेडिकल आपात स्थिति में ही कुछ अपवाद लागू होंगे।
क्यों किया गया बदलाव?
- अमेरिका अब वीजा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कठिन बनाना चाहता है, ताकि ‘वीजा शॉर्टकट’ का गलत लाभ न उठाया जा सके।
- भारतीय यात्रियों को US भागने का सपना अब और समय और तैयारी मांगता है।
नोट: खबर को हिंदी में Budbak Times द्वारा प्रस्तुत किया गया है। सभी आंकड़े अमेरिकी विदेश मंत्रालय और मीडिया रिपोर्ट्स से लिए गए हैं।