ऑनलाइन सर्च पर सेंसरशिप! रूस में पास हुआ विवादित बिल

रूसी सांसदों ने मंगलवार को एक ऐसे बिल को मंजूरी दी है जिसके तहत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं पर उन ऑनलाइन सामग्रियों को सर्च करने पर जुर्माना लगाया जाएगा जिन्हें सरकार “चरमपंथी” मानती है। यह कानून असामान्य रूप से विपक्षी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कुछ सरकार समर्थक हस्तियों की आलोचना का भी शिकार हो रहा है।

रूसी संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने इस बिल को 306 वोटों के पक्ष में और 67 के विरोध में पास किया। अब यह बिल ऊपरी सदन (फेडरेशन काउंसिल) में जाएगा, जहां इसके विरोध की संभावना बहुत कम है।

रूस के न्याय मंत्रालय की चरमपंथी सामग्री की सूची 500 से अधिक पन्नों में फैली हुई है और इसमें 5,000 से अधिक प्रविष्टियाँ शामिल हैं। इनमें यूक्रेन की प्रशंसा करने वाले गीत और नारीवादी रॉक बैंड पुस्सी रायट द्वारा लिखे गए ब्लॉग पोस्ट भी शामिल हैं।

इस विधेयक के तहत, सूची में शामिल किसी भी सामग्री को सर्च करने या एक्सेस करने पर व्यक्ति पर 5,000 रूबल (लगभग ₹5000 या €54 या $64) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह कानून व्यावहारिक रूप से कैसे लागू होगा। क्या इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) या वेबसाइटें उपयोगकर्ताओं की सर्च गतिविधियों की निगरानी करेंगी — इस प्रश्न का उत्तर फिलहाल अस्पष्ट है।

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