रूस के वैज्ञानिकों ने mRNA तकनीक से आधारित एक नई कैंसर वैक्सीन Enteromix का विकास कर लिया है, जो अब क्लिनिकल उपयोग के लिए तैयार है। यह वही तकनीक है जिसका इस्तेमाल कोविड-19 वैक्सीन में भी हुआ था।
टेक्नोलॉजी और शोध
कैंसर से लड़ने के मकसद से बनाई गई यह वैक्सीन शरीर की कोशिकाओं को ऐसा प्रोटीन बनाने की शिक्षा देती है, जिससे कैंसर कोशिकाओं पर इम्यून सिस्टम हमला कर सके। रूसी फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) के अनुसार तीन साल के गहन प्री-क्लिनिकल परीक्षणों में वैक्सीन की काफी सुरक्षा और उच्च प्रभावशीलता देखी गई है।
असरदार परिणाम
परीक्षणों के दौरान, कुछ मामलों में ट्यूमर 60 से 80% तक सिकुड़ गए या उनकी वृद्धि कम हुई। परीक्षण विषयों की जीवन दर में भी उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया।
पहला निशाना: कोलोरेक्टल कैंसर
इस वैक्सीन का प्राथमिक फोकस कोलोरेक्टल कैंसर यानी बड़ी आंत का कैंसर रहेगा। साथ ही रूसी वैज्ञानिक ग्लायोब्लास्टोमा (दिमाग का तेज़ी से बढ़ने वाला कैंसर) और मैलानोमा (त्वचा और आंख का कैंसर) के लिए भी वैक्सीन विकसित कर रहे हैं।
वैश्विक मंच पर पेशी
यह ऐतिहासिक घोषणा व्लादिवोस्तोक में हुए 10वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में की गई, जिसमें 75 देशों के 8,400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
हर साल लाखों लोग कैंसर से मृत्यु को प्राप्त होते हैं, जहाँ केवल शारीरिक कष्ट ही नहीं बल्कि आर्थिक बोझ भी अत्यंत बड़ा होता है। उच्च उपचार लागत के चलते कई परिवार आर्थिक विवादों का सामना करते हैं, और अंत में दुर्भाग्यवश उनका अंतिम सफर होता है। ऐसे में, इस नई mRNA आधारित वैक्सीन Enteromix की सफलता एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जो कैंसर के इलाज की दिशा में नई उम्मीद जगा रही है।