कारगिल विजय दिवस के अवसर पर नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) ने सैनिकों और उनके परिवारों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता योजना – ‘वीर परिवार सहायता योजना’ की शुरुआत की।
यह योजना शनिवार को श्रीनगर में आयोजित एक सम्मेलन में NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत द्वारा लॉन्च की गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलदीप शर्मा ने पीटीआई को बताया कि इस योजना के तहत सभी राज्यों के सैनिक कल्याण बोर्डों में विधिक सेवा क्लीनिक स्थापित किए जाएंगे।
इन क्लीनिकों में सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों तरह के सैनिकों और उनके परिवारों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। यहां पैनल वकील और पैरा लीगल वॉलंटियर्स भी तैनात रहेंगे जो कानूनी मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराएंगे।
यह देश के इतिहास में पहली बार है जब सैनिकों के परिवारों को विशेष रूप से मुफ्त कानूनी सहायता देने की पहल की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि जब सैनिक सीमाओं पर देश की सेवा कर रहे होते हैं, तब उन्हें घरेलू कानूनी मामलों की चिंता से मुक्त रखा जा सके।
इस योजना का संदेश है:”आप सीमा पर देश की सेवा करें, हम आपके घर का ध्यान रखेंगे।“
सैनिक जो दूरदराज़ और दुर्गम क्षेत्रों में तैनात रहते हैं, उन्हें अक्सर जमीन-जायदाद, घरेलू विवाद या अन्य कानूनी मामलों में न्याय पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों में अब NALSA उनकी तरफ से अदालतों में हस्तक्षेप करेगी और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिलाएगी।

इस योजना के शुभारंभ समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे।NDTV के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब जस्टिस सूर्यकांत ने सैनिकों के बलिदान को करीब से देखा, तो वे इससे अत्यधिक प्रभावित हुए।
तभी उन्होंने न्यायपालिका के माध्यम से सैनिकों के कल्याण के लिए कोई ठोस पहल करने का संकल्प लिया।वीर परिवार सहायता योजना को जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले देशभर में लॉन्च करेंगे