ट्रंप के नए टैरिफ और बोल्टन की आपत्ति
हाल ही में ट्रंप ने भारत पर कुल 50% तक के अमेरिकी टैरिफ लगाए हैं, जिसमें रूसी तेल खरीदने पर 25% की पेनल्टी भी शामिल है। बोल्टन ने इस नीति को “पीछे की ओर जाती” और दोनों देशों के रिश्तों के लिए हानिकारक बताया।
ट्रंप ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि भारत, रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है और उसे खुले बाजार में लाभ के साथ बेच रहा है, जिससे यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंच रहा है।
चीन पर क्यों नहीं कार्रवाई?
बोल्टन ने कहा कि चीन भी रूसी तेल खरीद रहा है, लेकिन उसे ऐसे टैरिफ या द्वितीयक प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने तर्क दिया कि यूक्रेन में युद्धविराम की कोशिश में केवल भारत को निशाना बनाया गया है।
आगामी पुतिन मुलाकात और बयानबाज़ी
ट्रंप जल्द ही अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने वाले हैं। इस मुलाकात को लेकर मीडिया कवरेज पर उन्होंने हमला बोला, और आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि मीडिया उन्हें तब भी कोसेगा “अगर मैं मॉस्को और लेनिनग्राद फ्री करा दूं”।
ट्रंप ने बोल्टन को “मूर्ख” भी कहा, जब पूर्व सलाहकार ने इस बैठक को “पुतिन की बड़ी जीत” करार दिया।
बोल्टन की मोदी को सलाह और पाकिस्तानी संदर्भ
NDTV से बातचीत में बोल्टन ने कहा कि भारत के साथ पिछले 30 दिनों में हुए व्यवहार से भरोसा बहाल करने में समय लगेगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर “ट्रंप को संभालने का बेहतर तरीका” खोज रहे हैं, और सुझाव दिया कि “मोदी पीएम ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए दो बार नामांकित करने की पेशकश कर सकते हैं।”
पाकिस्तान की नोबेल सिफारिश
जून में पाकिस्तान ने ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आधिकारिक तौर पर सिफारिश करने की घोषणा की थी, यूं दावा किया कि उन्होंने हाल के भारत–पाकिस्तान विवाद में “निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप” किया।