भारत बनाम इंग्लैंड 2025 टेस्ट सीरीज़: आंकड़ों में दबदबा, नतीजों में बराबरी

भारत बनाम इंग्लैंड 2025 टेस्ट सीरीज़: दबदबा, मौके और चूक

भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज़ 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि भारत का प्रदर्शन स्कोरकार्ड से कहीं अधिक बेहतर था।

यह स्थिति 2018 में विराट कोहली की उन टिप्पणियों की याद दिलाती है, जब उन्होंने 4-1 के परिणाम के बावजूद कहा था कि टीम ने कहीं बेहतर खेला। 2021-22 की तरह 2025 की यह सीरीज़ भी कड़ी टक्कर वाली रही। ज्यादातर आंकड़ों में भारत आगे रहा, लेकिन इंग्लैंड ने अहम पलों में मौके भुनाए — कभी किस्मत से, तो कभी भारतीय गलतियों से।

इस 2-2 के नतीजे के साथ इंग्लैंड की 2019 से भारत या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी सीरीज़ (घर या बाहर) में जीत का सूखा जारी रहा।
यह इस अवधि में चौथी बार है जब तीन या उससे अधिक टेस्ट वाली सीरीज़ ड्रॉ रही, और सभी में इंग्लैंड का सामना घर में भारत या ऑस्ट्रेलिया से हुआ। आंकड़ों से साफ था कि भारत ज्यादातर बार बेहतर रहा, जबकि मेज़बान टीम ने टेढ़े पलों को भुनाया।

भारतीय बल्लेबाजों का औसत 39.77 रहा और उन्होंने 12 शतक जमाए, जबकि इंग्लैंड का औसत 37.57 और शतक नौ रहे। गेंदबाजी में भारत के तेज गेंदबाजों का औसत 34.95 रहा, जो इंग्लैंड के 36.53 से बेहतर था, और उन्होंने तेज़ दर से विकेट लिए, हालांकि ‘बाज़बॉल’ अंदाज़ के कारण रन भी ज्यादा दिए। स्पिन में भी भारत आगे रहा — 14 विकेट 55.50 की औसत से, जबकि इंग्लैंड के स्पिनरों ने 13 विकेट 72.46 पर लिए।

पिक क्रेडिट:X/@ट्विटर

पांच में से तीन टेस्ट में पहली पारी के अंत में दोनों टीमों के बीच का अंतर 25 रन से कम था — टेस्ट इतिहास में यह केवल दूसरी बार हुआ। दो मुकाबले 25 रन से भी कम अंतर से तय हुए, जो पहली बार है।

भारत ने इंग्लैंड बल्लेबाजों से 21% फॉल्स शॉट निकलवाए, जबकि इंग्लैंड ने 16%। तीन या अधिक टेस्ट की ड्रॉ सीरीज़ में इससे बड़ा अंतर केवल एक बार देखने को मिला — 2018 में श्रीलंका बनाम वेस्टइंडीज़।



अनफोर्स्ड एरर्स: भारत की कमजोरी

भारत ने 22 विकेट ऐसे गंवाए जो नियंत्रण में थीं, जबकि इंग्लैंड के सिर्फ 9 विकेट ऐसे थे। जैसे शुबमन गिल का पहले टेस्ट में शोएब बशीर के खिलाफ आउट होना, जिससे स्कोर 430/3 से 471 ऑल आउट पर सिमट गया। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में ऋषभ पंत का गलत शॉट, तीसरे टेस्ट में लंच से पहले उनका रनआउट, और मोहम्मद सिराज का गेंद को मिडल करने के बावजूद विकेट गिरना, सभी ने अहम मोड़ दिए।

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ड्रॉप कैच: सीरीज़ का रुख मोड़ने वाले पल

भारत ने 23 कैच छोड़े, इंग्लैंड ने 17। इनसे भारत को 718 अतिरिक्त रन का नुकसान हुआ, इंग्लैंड को 587 का। दो टेस्ट 25 रन से कम अंतर से तय हुए, ऐसे में यह फर्क सीरीज़ का पासा पलट गया।

इंग्लैंड के हैरी ब्रुक को सबसे ज्यादा फायदा हुआ — 481 में से 240 रन उन्होंने ड्रॉप होने के बाद बनाए। लीड्स टेस्ट में वो 0 पर नो-बॉल से बचे और 99 रन बनाए। छह बल्लेबाजों ने एक ही पारी में ड्रॉप होने के बाद 100+ रन बनाए, जिनमें चार इंग्लैंड के थे।

सीरीज़ के आखिरी दो मैच में किस्मत का रुख बदला और इंग्लैंड ने ज्यादा कैच छोड़े। रविंद्र जडेजा को मैनचेस्टर में पहली गेंद पर छोड़ा गया और उन्होंने नाबाद शतक जमाया। यशस्वी जयसवाल और आकाशदीप के भी ड्रॉप होने के बाद अहम योगदान रहे। गिल ने, हालांकि टॉप स्कोरर रहे, केवल 57 अतिरिक्त रन ड्रॉप के बाद कमाए।

निष्कर्ष: भारत ने लगभग सभी प्रमुख आंकड़ों में बाजी मारी, लेकिन अहम मौकों पर हुई गलतियां और छूटे मौके सीरीज़ जीतने में बाधा बने। नतीजा — एक कठिन संघर्ष के बाद 2-2 की बराबरी।

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