भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट के दबाव में नजर आया। शुक्रवार, 25 जुलाई को, बाजार में बिकवाली का सिलसिला तेज रहा, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक गिरे, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की हालत और भी खराब रही।
सेंसेक्स दिन के दौरान 600 अंकों से ज्यादा टूटकर 81,540 तक गिरा, वहीं निफ्टी 50 भी करीब 1% गिरकर 24,844 के स्तर तक फिसला।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1% की गिरावट देखी गई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 1.4% लुढ़क गया। सुबह 11:20 बजे, सेंसेक्स 520 अंक (0.63%) गिरकर 81,665 पर था और निफ्टी 181 अंक (0.72%) गिरकर 24,881 पर ट्रेड कर रहा था।
2 दिन में ₹7 लाख करोड़ स्वाहा
पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स करीब 1,200 अंक (1.4%) टूटा है, जबकि निफ्टी 1.5% नीचे आया है। इस गिरावट ने निवेशकों के करीब ₹7 लाख करोड़ उड़ा दिए हैं। 23 जुलाई को बीएसई का मार्केट कैप ₹460.35 लाख करोड़ था, जो अब ₹453 लाख करोड़ रह गया है। सिर्फ शुक्रवार को ही ₹5 लाख करोड़ की संपत्ति बाजार से मिट गई।
बाजार में गिरावट की 4 बड़ी वजहें
यहां जानिए वो 4 प्रमुख कारण जो इस गिरावट की वजह बन रहे हैं:
1. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं है। अमेरिका पहले ही जापान, वियतनाम, इंडोनेशिया जैसे देशों से डील कर चुका है, लेकिन भारत को लेकर स्थिति अब भी अनिश्चित बनी हुई है।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। जुलाई में अब तक उन्होंने ₹28,528 करोड़ की बिकवाली की है, जिसमें से ₹11,572 करोड़ सिर्फ पिछले चार दिनों में निकाले गए हैं। निवेशकों को भारत की ऊंची वैल्यूएशन रास नहीं आ रही।
3. Q1 रिजल्ट उम्मीद से कमजोर
भारत की कंपनियों के Q1 के नतीजे उत्साहजनक नहीं रहे हैं। खासकर IT और फाइनेंशियल सेक्टर में उम्मीद से कम प्रदर्शन देखने को मिला है। साथ ही, कंपनियों के मैनेजमेंट की सतर्क टिप्पणी भी बाजार पर नकारात्मक असर डाल रही है।
4. ऊंचे वैल्यूएशन पर चिंता
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की वैल्यूएशन अब काफी खिंच चुकी है और वर्तमान कमाई को देखते हुए इसे जायज ठहराना मुश्किल हो गया है। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स खासतौर पर ओवरवैल्यूड नजर आ रहे हैं।
जैसे-जैसे विदेशी निवेशक निकल रहे हैं और कंपनियों के नतीजे उम्मीद से नीचे आ रहे हैं, निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।