मोहम्मद सिराज ने ओवल टेस्ट के आखिरी दिन बेहतरीन गेंदबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए भारत को एक ऐसा मुकाबला जिताया, जिसे क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

भारत ने यह मुक़ाबला महज़ 6 रन से जीता और एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज़ 2-2 से बराबर की।
इंग्लैंड को आख़िरी दिन केवल 35 रन और चाहिए थे, जबकि उसके पास 4 विकेट बचे थे। इससे पहले हैरी ब्रूक और जो रूट की शानदार शतकीय साझेदारी (195 रन) ने उन्हें मज़बूत स्थिति में पहुँचा दिया था।
लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है—और सिराज इस सुबह अपनी तक़दीर खुद लिखने आए थे।
आख़िरी सुबह का रोमांचक आग़ाज़
सुबह का आग़ाज़ हुआ बादलों और तनातनी के माहौल में। प्रसिध कृष्णा ने ओवर की शुरुआत की, और ओवरटन ने पहले दो गेंदों पर ही चौके जमा दिए। ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड तेज़ी से जीत की ओर बढ़ रहा है।
मगर, मोहम्मद सिराज ने मोर्चा संभाला और पुरानी गेंद से भी स्विंग निकालते हुए इंग्लैंड की निचली बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ दी।

जेमी स्मिथ को दो बार बीट करने के बाद, सिराज ने उन्हें तीसरी गेंद पर स्लिप में कैच करवाया।गस एटकिंसन बच तो गए, लेकिन उनका भाग्य ज़्यादा देर तक साथ नहीं दे सका। ओवरटन एक शानदार इन-स्विंगर पर एलबीडब्लू हो गए—रिव्यू भी उन्हें नहीं बचा पाया।
इसके बाद प्रसिध कृष्णा ने जॉश टंग को खतरनाक यॉर्कर से बोल्ड कर दिया। इंग्लैंड को अब 17 रन चाहिए थे, और मैदान पर आए एक हाथ से बैट पकड़े चोटिल क्रिस वोक्स—जिन्हे देखकर दर्शकों ने स्टैंडिंग ओवेशन दिया।
सिराज की आख़िरी चोट
एटकिंसन ने वोक्स को स्ट्राइक से दूर रखने की पूरी कोशिश की। एक बार तो उन्होंने लॉन्ग ऑन की तरफ लंबा शॉट मारा जिसे दीप ने कैच करने की असफल कोशिश की, और गेंद बॉउंड्री पार करके छह रनों के लिए चली गई।
लेकिन सिराज का इरादा अडिग था। उन्होंने एक और ज़बरदस्त यॉर्कर डाला, जिसने एटकिंसन के विकेट उड़ा दिए और भारत को एक एतिहासिक जीत दिला दी।
सिराज ने 5-104 के आंकड़े के साथ मैच समाप्त किया—यह उनके करियर के बेहतरीन स्पेल्स में से एक था।
संक्षिप्त स्कोरकार्ड– भारत 224 & 396 (जैसवाल 118, आकाश दीप 66, जडेजा और सुंदर 53; टंग 5-125, एटकिंसन 3-127) – इंग्लैंड 247 & 367 (ब्रूक 111, रूट 105; सिराज 5-104, प्रसिध 4-126) – परिणाम: भारत ने मैच 6 रन से जीता
मैन ऑफ द मैच मोहम्मद सिराज
मैन ऑफ द सीरीज हैरी ब्रुक, शुभमन गिल
निष्कर्ष यह सिर्फ एक जीत नहीं थी—यह एक जज़्बे, तकनीक और धैर्य से भरी वापसी थी। जब सब कुछ हाथ से निकलता लग रहा था, तब सिराज की मेहनत और आत्मविश्वास ने भारत को जीत दिलाई और भारत सीरीज को बराबर कर सका।