भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में फंसे लगभग 350 मणिमहेश यात्रियों को भारतीय वायु सेना (IAF) के हेलीकॉप्टरों ने शुक्रवार को भैरमौर से चंबा तक सुरक्षित निकाला।
चंबा के उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि आईएएफ के दो हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है और सभी यात्री शुक्रवार तक सुरक्षित निकाले जाएंगे।
अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुई तेज बारिश ने कई सड़कों को भूस्खलन के कारण बंद कर दिया, विशेष रूप से भैरमौर विधानसभा क्षेत्र में जहां यात्रियों का फंसा होना जारी है। मणिमहेश यात्रा 15 अगस्त से चल रही है, जिसमें अब तक 17 यात्रियों की मौत हो चुकी है जबकि कई यात्री अभी भी फंसे हुए हैं।
मणिमहेश झील लगभग 13,000 फुट की ऊंचाई पर कैलाश पर्वत के तल पर स्थित है। राज्य में जारी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू और मनाली के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को मार्ग खोलने और पुनर्स्थापना के निर्देश दिए।
बिलासपुर के बानाली गांव में भी भूस्खलन के कारण करीब 14 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। कई घरों में दरारें पाई गईं हैं और 14 घर असुरक्षित घोषित किए गए हैं।
राज्य में 1217 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 281, शिमला में 261, कुल्लू में 231 और चंबा में 187 सड़कें शामिल हैं। कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हैं और शिमला-कालका रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी बारिश की येलो अलर्ट जारी किया है। मानसून के दौरान अब तक बारिश से जुड़े कई हादसों में 355 लोगों की मौत हो चुकी है और 49 लोग लापता हैं। राज्य में भारी आर्थिक नुकसान भी हुआ है।