फिलिपीना-ऑस्ट्रेलियाई कलाकार लॉरिबेल स्पिरोव्स्की ने ऑस्ट्रेलिया के सबसे प्रतिष्ठित पोर्ट्रेट कला पुरस्कार आर्चीबाल्ड प्राइज़ में पीपल्स चॉइस अवॉर्ड जीतकर देशभर के दर्शकों का दिल जीत लिया है।
खास बात यह है कि उन्होंने यह विजयी चित्र अपने हाथों से नहीं, बल्कि उंगलियों से बनाया है। दरअसल, एक नर्व इंजरी के कारण उनके लिए ब्रश से पेंट करना मुश्किल हो गया था — लेकिन इस चुनौती ने उनके भीतर की कला को नया जीवन दे दिया।
“जब मैंने विलियम की संगीत बजाई, तो मेरे हाथ ने खुद ब्रश छोड़ दिया और मैंने उंगलियों को मुलायम रंगों में डुबो दिया। बिना ब्रश के पेंटिंग करना लगभग बिना दर्द के था — और पेंटिंग अपने आप बनती चली गई,” उन्होंने बताया।

यह पोर्ट्रेट ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी संगीतकार विलियम बार्टन का है।
अक्टूबर 2024 में जब स्पिरोव्स्की पहली बार बार्टन से मिलीं, तो वह अब भी अपनी चोट से उबर रही थीं।
लेकिन बार्टन की संगीत ने उन्हें प्रेरित किया और इस पोर्ट्रेट के ज़रिए उन्होंने न केवल अपनी कला को, बल्कि खुद को भी फिर से खोजा।
“पिछले कुछ साल बेहद मुश्किल भरे रहे हैं। यह अनुभव मेरे लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। मैं विलियम की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह चित्र बनाने की अनुमति दी, और जनता की प्रतिक्रियाओं से मैं बेहद अभिभूत हूं।” उन्होंने आर्ट गैलरी ऑफ न्यू साउथ वेल्स द्वारा जारी बयान में कहा।
1990 में फिलीपींस में जन्मी स्पिरोव्स्की फिलिपीना मां और सर्बियाई पिता की संतान हैं। वे 1999 में ऑस्ट्रेलिया आ गईं और 2012 में सिडनी के कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
अपने वेबसाइट पर उन्होंने लिखा है कि उनकी कला पर फिलीपींस और यूरोप — दोनों की संस्कृतियों का प्रभाव है।आर्चीबाल्ड पीपल्स चॉइस अवॉर्ड उन दर्शकों द्वारा दिए गए वोट पर आधारित होता है, जिन्होंने आर्चीबाल्ड प्राइज़ के फाइनलिस्ट पेंटिंग्स को प्रदर्शनी में देखा होता है।
जहां स्पिरोव्स्की को जनता की पसंद का पुरस्कार मिला, वहीं इस साल का A$100,000 (करीब ₹65 लाख) का मुख्य आर्चीबाल्ड पुरस्कार जूली फ्रेगर को मिला — जो इस पुरस्कार के 104 वर्षों के इतिहास में जीतने वाली सिर्फ 13वीं महिला बनीं।
इसके अलावा, गैलरी स्टाफ द्वारा चुना गया ‘पैकिंग रूम प्राइज’ अब्दुल अब्दुल्ला को दिया गया, जिन्होंने साथी कलाकार जेसन फू का चित्र बनाया।
ब्रश नहीं, इस बार उंगलियों की छाप ने इतिहास रच दिया — और लोरीबेल स्पिरोव्स्की की कहानी, संघर्ष और कला ने लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली।