USFDA की कुकवेयर में लेड को लेकर चेतावनी जारी, भारत की कंपनी भी शामिल

USFDA ने जारी किया कुकवेयर में लेड को लेकर चेतावनी, भारत की कंपनी भी शामिल

खाना पकाने में उपयोग होने वाले बर्तनों का सामग्री स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालती है। हाल ही में, United States Food and Drug Administration (USFDA) ने भारतीय कंपनी Saraswati Strips Pvt. Ltd. द्वारा बनाए गए कुकवेयर के उपयोग के खिलाफ चेतावनी जारी की है। अधिकारियों की जांच में पाया गया कि ये उत्पाद खाना पकाने के दौरान भोजन में खतरनाक स्तर पर लेड छोड़ सकते हैं।

USFDA के अनुसार, ये उत्पाद “Tiger White” ब्रांड के तहत बेचे जा रहे हैं और ‘शुद्ध एल्यूमिनियम के बर्तन’ के रूप में मार्केट किए जाते हैं। जांच में सामने आया कि एल्यूमिनियम, पीतल और एल्यूमिनियम मिश्र धातु से बने ये बर्तन खाना पकाने के दौरान लेड छोड़ते हैं, जिससे भोजन असुरक्षित हो जाता है।

कौन-कौन से बर्तन जोखिम में?

USFDA ने बताया कि कुछ आयातित कुकवेयर, जो Hindalium/Hindolium या Indalium/Indolium नामक मिश्र धातु से बने होते हैं, भी इस मामले में शामिल हैं। इन बर्तनों में पता चला है कि खाना पकाने के दौरान ये खतरनाक मात्रा में लेड छोड़ते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।

लेड के स्वास्थ्य प्रभाव

National Library of Medicine की एक अध्ययन के अनुसार, लेड का असर बच्चों के तंत्रिका तंत्र और मानसिक विकास पर गहरा पड़ता है, जिससे सीखने में कठिनाइयां और बौद्धिक नुकसान हो सकता है। वयस्कों में उच्च रक्तचाप, गुर्दे की क्षति, और प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं।

अध्ययन ने यह भी बताया कि हालांकि लेड ही सबसे बड़ा खतरा है, कई बार कैडमियम जैसे अन्य विषैले धातुएं भी बर्तनों में इस्तेमाल होती हैं, जो स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ाती हैं। कई कुकवेयर में 100 पीपीएम से अधिक लेड होता है, और कुकिंग या स्टोरेज के दौरान यह भोजन मेंअधिक मात्रा में प्रवाहित हो सकता है।

लेड के सेवन से क्या होता है?

USFDA ने स्पष्ट किया है कि लेड किसी भी आयु वर्ग के लिए विषैला है और इसका कोई सुरक्षित स्तर नहीं है। भोजन में लेड का सेवन रक्त में इसकी मात्रा बढ़ा देता है। बच्चों और नवजातों की छोटी बॉडी साइज, तेज़ मेटाबॉलिज्म और विकास के कारण इसका असर ज्यादा होता है।

Image from Dainik Bhaskar
स्रोत: दैनिक भास्कर

कम मात्रा में भी लेड का असर बच्चों में सीखने में कठिनाई, कम IQ, व्यवहार में बदलाव के रूप में दिख सकता है। ज़्यादा मात्रा में थकान, सिरदर्द, पेट दर्द, उल्टी या तंत्रिका तंत्र में बदलाव भी हो सकता है। यह दिमाग और तंत्रिका तंत्र की सामान्य कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे स्मरणशक्ति घटती है, ध्यान कमजोर होता है, और बच्चों में विकासात्मक समस्याएं आती हैं।

लेड रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया), गुर्दों की क्षति और उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है। लंबे समय तक लेड के सेवन से गुर्दे की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और यह क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) में परिवर्तित हो सकता है।

USFDA की सलाह

USFDA ने जनता से अपील की है कि यदि उनके पास उपर्युक्त कुकवेयर हैं, तो वे उन्हें तुरंत उपयोग से बाहर करें और इन्हें फेंक दें। इन्हें दान न करें या मरम्मत की कोशिश न करें। यदि किसी को लेड एक्सपोजर का संदेह हो या उच्च स्तर के लक्षण दिखें तो वे डॉक्टर से संपर्क करें।

सार्वजनिक सुरक्षा के लिए, FDA भोजन में और कुकवेयर से निकलने वाले लेड स्तरों की जांच करता है। यह राज्य और संघीय एजेंसियों, कंपनियों, और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर सुरक्षित और टिकाऊ खाद्य उत्पादन के तरीके विकसित करता है।

फिर भी, रिटेलर्स और वितरकों को सलाह दी गई है कि वे अपने बाज़ार में उपलब्ध कुकवेयर की सुरक्षा के लिए USFDA से मार्गदर्शन लें।

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