चौथे टेस्ट के आखिरी दिन भारत ने दो मजबूत साझेदारियों के दम पर इंग्लैंड के खिलाफ मैच ड्रॉ कराने में सफलता पाई। पहले केएल राहुल और शुभमन गिल, फिर वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने ऐसी जुझारू बल्लेबाज़ी की कि बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैक्कलम की ‘बज़बॉल’ एरा में यह सिर्फ दूसरा ड्रॉ बन गया।
सुबह के सत्र में इंग्लैंड ने राहुल और गिल को आउट कर कुछ उम्मीदें ज़रूर जगाईं, लेकिन इसके बाद वॉशिंगटन और जडेजा ने सेंचुरी जमाकर इंग्लिश गेंदबाज़ों की हर योजना को नाकाम कर दिया।
अब सीरीज़ का फैसला लंदन के द ओवल में 31 जुलाई से शुरू हो रहे पांचवें टेस्ट में होगा।
राहुल-गिल की पहली दीवार, इंग्लैंड को किया निराश
मैच के अंतिम दिन की शुरुआत राहुल और गिल ने शानदार तरीके से की। पिछली शाम संकट में घिरी टीम इंडिया को उन्होंने संभाला और सुबह भी उसी जुझारूपन से खेले। लेकिन पिच पर उछाल असमान था — कुछ गेंदें ऊपर उठीं तो कुछ बेहद नीची रहीं।
इसी बीच बेन स्टोक्स, जो चौथे दिन गेंदबाज़ी नहीं कर पाए थे, आज खतरनाक साबित हुए। उन्होंने केएल राहुल को 90 रन पर LBW कर दिया — एक इनस्विंगर जो बेहद नीचा रहा।—
शतकवीर गिल का आउट होना, इंग्लैंड के लिए मौका… जो चूक गया
शुभमन गिल ने अपने टेस्ट करियर का आठवां शतक लगाया, लेकिन उसके बाद एक ढीली गेंद पर आउट हो गए। जॉफ्रा आर्चर की ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर कट मारने की कोशिश में वह कैच दे बैठे।

इसके ठीक बाद, जडेजा पहली ही गेंद पर स्लिप में कैच देने वाले थे, लेकिन जो रूट ने आसान मौका टपका दिया — और यहीं से इंग्लैंड की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई।
सुंदर-जडेजा की चट्टान बनी साझेदारी, इंग्लैंड का सपना टूटा
लंच के बाद, जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने राहुल-गिल जैसी ही जुझारू बल्लेबाज़ी जारी रखी। पिच से तेज़ गेंदबाज़ों को उछाल और स्पिनर्स को टर्न मिल रहा था, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों का संयम और सूझबूझ लाजवाब रही।

वॉशिंगटन और जडेजा ने हर मौके पर रन बनाए, जब गेंद ढीली पड़ी और बाकी समय डटकर मुकाबला किया। दोनों ने शतक जमाकर मैच को भारत की झोली से निकलने नहीं दिया।
जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर का पलटवार – शतकों की बौछार के साथ इंग्लैंड को मजबूर किया ड्रॉ पर राज़ी होने को
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट के आखिरी दिन जब आत्मविश्वास बढ़ा, तो रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने बचाव से आक्रमण की ओर कदम बढ़ाया।

वॉशिंगटन ने एक छक्का और चौका लगाकर शानदार अंदाज़ में अपना अर्धशतक पूरा किया, वहीं जडेजा ने तीन गेंद बाद ही चौका जड़ते हुए पचास का आंकड़ा पार किया।
तीसरा सत्र: पूरी तरह भारत के नाम
तीसरे और अंतिम सत्र में भारतीय जोड़ी और भी आक्रामक मूड में नजर आई। जडेजा ने शुरुआत से ही इरादे साफ कर दिए, जब उन्होंने लियाम डॉसन को दो बार विकेट छोड़कर आगे बढ़कर मारा।
अब यह साफ था कि भारत सिर्फ समय नहीं काट रहा था — वो इंग्लैंड को थका रहा था।इंग्लैंड ने बीच-बीच में LBW की उम्मीद में अपीलें ज़रूर कीं, लेकिन असल में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली।

बेन स्टोक्स ने जोफ्रा आर्चर को शॉर्ट बॉलिंग के लिए लाया, लेकिन वह भी बेअसर साबित हुआ। भारतीय बल्लेबाज़ बिना किसी दबाव के आगे बढ़ते रहे, और जब स्टोक्स ने आखिरी घंटे में ड्रॉ के लिए हाथ मिलाने की पेशकश की, भारत ने साफ इंकार कर दिया — उन्हें तो अब शतक पूरे करने थे।
शतक पूरे, इंग्लैंड की उम्मीदें चूर-चूर
सुंदर ने जो रूट की गेंदों पर तीन लगातार चौके ठोके, जबकि जडेजा ने हैरी ब्रूक की गेंद पर छक्का मारकर अपना शतक पूरा किया।इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर ने भी ब्रूक की अगली ही ओवर में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ दिया।

तभी जाकर दोनों कप्तानों ने हाथ मिलाए और मुकाबला आधिकारिक रूप से ड्रॉ घोषित हुआ।
संक्षिप्त स्कोर:भारत: 358 (साई सुदर्शन 61, यशस्वी जायसवाल 58; बेन स्टोक्स 5/72) और 425/4 (रवींद्र जडेजा 107*, शुभमन गिल 103, वॉशिंगटन सुंदर 101*; क्रिस वोक्स 2/77)
इंग्लैंड: 669 (जो रूट 150, बेन स्टोक्स 141; रवींद्र जडेजा 4/143)