लंबा और शानदार करियर
पुजारा ने अक्टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया और भारत के लिए 103 टेस्ट और 5 वनडे खेले।
उन्होंने 7195 रन बनाए, औसत 43.60 के साथ।
उनके नाम 19 शतक और 35 अर्धशतक हैं। उन्होंने हर टेस्ट खेलने वाली टीम के खिलाफ शतक जड़ा, सिवाय अफगानिस्तान के।
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ दमदार प्रदर्शन
पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ 5-5 शतक लगाए और श्रीलंका के खिलाफ 4 शतक बनाए। 2018-19 की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन अविस्मरणीय रहा — उन्होंने चार मैचों की सीरीज में 521 रन बनाए और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ बने। यह जीत भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज विजय थी।
आखिरी साल और साथियों की विदाई
पिछले दो वर्षों से उन्हें टीम इंडिया में जगह नहीं मिली थी। पुजारा अब उन बड़े क्रिकेटरों की कतार में शामिल हो गए जो हाल ही में रिटायर हुए — आर अश्विन (2024), विराट कोहली और रोहित शर्मा (2025)।
पुजारा का योगदान
- भारत के लिए 103 टेस्ट – 19 शतक, 35 अर्धशतक।
- खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ यादगार पारियां।
- 2018-19 ऑस्ट्रेलिया सीरीज का हीरो।
- राहुल द्रविड़ के बाद भारत के भरोसेमंद नंबर 3 बल्लेबाज़।
निष्कर्ष
चेतेश्वर पुजारा का करियर भारतीय क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज रहेगा। क्लासिकल तकनीक और धैर्य की मिसाल पेश करने वाले पुजारा को हमेशा भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाजों में गिना जाएगा।