दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों की हटाने की योजना पर गरमाई बहस, FIAPO ने दिया कड़ा बयान

FIAPO ने सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्ते हटाने के आदेश पर जताई आपत्ति

फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन्स (FIAPO) ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का कड़ा विरोध किया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर में रखने का निर्देश दिया गया है। FIAPO ने इस फैसले को “चौंकाने वाला” बताते हुए कई कानूनी और मानवीय चिंताएं जताईं और कहा कि यह आदेश भारत के कानून और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों दोनों के खिलाफ है।

कानून और सार्वजनिक सुरक्षा के विपरीत

FIAPO का कहना है कि यह आदेश दिल्ली की रेबीज़ नियंत्रण नीति को कमजोर करता है और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।

“कुत्तों को हटाने से मौजूदा टीकाकरण कवरेज बाधित होता है, स्थिर और रोग-संरक्षित कुत्तों की आबादी टूट जाती है, और ‘वैक्यूम इफ़ेक्ट’ पैदा होता है — जिसमें नए, बिना टीका लगाए हुए आवारा कुत्ते उस जगह पर आ जाते हैं,” संगठन ने कहा।

FIAPO का आरोप है कि यह फैसला भारत के एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियम, 2003 का उल्लंघन है, जो यह तय करता है कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उनकी मूल जगह पर छोड़ा जाए। ये नियम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिशों के पूरी तरह अनुरूप हैं।

स्वस्थ कुत्तों का सामूहिक शेल्टर में रखना अमानवीय

FIAPO और PETA जैसे अन्य पशु अधिकार संगठन, स्वस्थ और टीकाकृत कुत्तों को बड़े पैमाने पर शेल्टर में रखने को अमानवीय मानते हैं। संगठन के अनुसार भीड़-भरे शेल्टर अत्यधिक तनाव, चोट, बीमारियों और पीड़ा के कारण बनते हैं और इससे संसाधन प्रभावी रेबीज़ रोकथाम उपायों — मास टीकाकरण, नसबंदी और सामुदायिक भागीदारी — से हट जाते हैं।

मुद्दा पैसों का नहीं, राजनीतिक इच्छा का

FIAPO का कहना है कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर नसबंदी और टीकाकरण अभियान चलाने की क्षमता है, लेकिन इसके प्रति इच्छाशक्ति की कमी है।

“हमने देखा है कि भारत ने कैसे सेलिब्रिटी भागीदारी के साथ पल्स पोलियो अभियान को सफलतापूर्वक चलाया। हमारे पास ढांचा और विशेषज्ञता मौजूद है — लेकिन राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं है,” FIAPO ने कहा।

संगठन ने कहा कि यदि धन की समस्या है तो परोपकारी लोग इस तरह की पहल में योगदान देने के इच्छुक हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

पिछले सप्ताह, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर उठाकर शेल्टर में रखा जाए। अदालत ने नगरपालिका अधिकारियों को पर्याप्त शेल्टर सुविधा सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया और स्पष्ट किया कि एक बार कुत्ते शेल्टर में रखे जाने के बाद उन्हें दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा

यह आदेश देशभर में बहस का कारण बना है, जिसमें पशु अधिकार समूह, कानूनी विशेषज्ञ और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसकी व्यावहारिकता और प्रभाव पर सवाल उठा रहे हैं।

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